सावन का दूसरा सोमवार जानिए आज
भगवान शिव के किस रूप की करें पूजा?
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हिंदू कैलेंडर में सावन या श्रावण पांचवां महीना है। भगवान शिव के इस मास सावन में ही जन्माष्टमी, तीज और रक्षा बंधन जैसे विभिन्न हिंदू त्यौहार मनाए जाते हैं। इसके अलावा प्राचीन हिंदू शास्त्रों के अनुसार, सावन का महीना हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक, भगवान शिव की पूजा से संबंधित है।
सावन सोमवार के दिन जहां हिंदू भक्त पूरे दिन उपवास रखते हैं वहीं सावन के पूरे महीने में शिव भक्ति के साथ ही प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव की पूजा करके उनके दिव्य आशीर्वाद की प्राप्ति की कामना करते हैं। हिंदू धर्म में, श्रावण का पूरा महीना भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा के लिए समर्पित है।
यूं तो साल का हर सोमवार भगवान शिव की पूजा के लिए खास माना जाता है, लेकिन श्रावण के सभी सोमवार उपवास के लिए अत्यधिक शुभ व विशेष माने जाते हैं। कई भक्त सावन महीने के पहले सोमवार से सोलह सोमवार या सोलह सोमवार उपवास रखते हैं।
वहीं इस महीने के सभी मंगलवार भगवान शिव की पत्नी देवी पार्वती को समर्पित हैं। ऐसे में श्रावण मास के सभी मंगलवार को महिलाएं उपवास रख देवी पार्वती की पूजा करती हैं। इस व्रत को मंगल गौरी व्रत के नाम से जाना जाता है।
श्रावण के दूसरे सोमवार पर महाकालेश्वर की करें पूजा
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श्रावण का 2 अगस्त को दूसरा सोमवार पड़ने जा रहा है। ऐसे में इस दिन भगवान शिव के महाकालेश्वर रूप की पूजा विशेष महत्व माना गया है।
दूसरे सोमवार को महाकालेश्वर शिव की विशेष पूजा करने का विधान है। मान्यता के अनुसार इस दिन श्रद्धालु को ‘ऊं महाशिवाय वरदाय हीं ऐं काम्य सिद्धि रुद्राय नम: मंत्र का रुद्राक्ष की माला से कम से कम 11 मामला जाप करना चाहिए।
माना जाता है कि महाकालेश्वर की पूजा से सुखी गृहस्थ जीवन मिलता है। वहीं महाकालेश्वर अपने आशीर्वाद से पारिवारिक कलह, पितृ दोष सहित तांत्रिक दोष से मुक्ति प्रदान करते हैं।
श्रावण मास के संबंध में माना जाता है कि इस महीने में पूरे मन से भगवान शिव की पूजा करने से लोगों को सुख, सफलता और समृद्धि मिलती है।
ऐसे में सावन के महीने में पड़ने वाले सभी सोमवार यानि श्रावण सोमवार के दिन व्रत के लिए कहा जाता है। वहीं कई भक्त सावन महीने के पहले सोमवार से शुरु कर सोलह सोमवार तक लगातार उपवास रखते हैं।
सावन सोमवार 2021: पूजा विधि
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पूरे महीने के दौरान, प्रत्येक सोमवार को, भक्त जल्दी उठते हैं और स्नान करने के बाद मंदिर जाते हैं। वहीं कोरोना महामारी के बीच भक्तों को अपने घर में पूजा करते हुए शिवलिंग पर पानी, दूध, फूल, बिल्व पत्र चढ़ाने चाहिए, आरती कर सकते हैं और व्रत कथा का पाठ कर सकते हैं।
पहली पूजा सुबह जल्दी करनी चाहिए, जबकि दूसरी पूजा सूर्यास्त के बाद करनी चाहिए। श्रावण महीने में सभी मंगलवार देवी पार्वती को समर्पित होते हैं – इस दिन भक्त माता मंगला गौरी को प्रसन्न करने के लिए उपवास भी रखते हैं।
राजेन्द्र गुप्ता,
ज्योतिषी और हस्तरेखाविद
मो. 9611312076
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