Believe kro mujh par . Kabhi to kro yaar mujh pr believe Line पर बने रहे
एक बात बताओ
प्यार और विश्वास में बड़ा क्या है?
4 जवाब
बेहतरीन
प्यार और विश्वास दोनों ऐसे शब्द है, जिन्हे सुनकर अच्छा महसूस होने लगता है I दोनों ही शब्दों में पोस्टिव एनर्जी होती है , जिससे हमे आंतरिक ख़ुशी भी मिलती है I
विश्वास को हमेशा प्यार से जोड़कर देखा जाता है I प्यार और विश्वास एक ही सिक्के के दो पहलू है I अगर प्यार नहीं तो विश्वास कैसा और विश्वास नहीं तो प्यार कैसा ? एक के खत्म हो जाने पर दूसरा अपने आप खत्म हो जाता है I
लेकिन अगर दोनों में से एक को चुनना है तो मेरा मत विश्वास को जायेगा क्योंकि विश्वास को प्रेम की पहली सीढ़ी माना जाता है और पहली सीढ़ी ही न रहे तो प्यार खत्म जायेगा
क्या फर्क है प्यार और सच्चे प्यार में?
विश्वास मेरी माने तो । प्यार रहे ना रहे पर विश्वास रहना चाहिए । विश्वास के अभाव में प्यार का कोई अस्तित्व ही नहीं है
क्योंकि सच्चा प्यार हम उसीसे करते है जिस पर हमे पूरा विश्वास होता है वैसे मैं सच्चे प्यार की बात कर रही हु राह चलते प्यार की नही जो आज कल सिर्फ सकल देख कर हो जाता है
हर व्यक्ति के जीवन में विश्वास की एक अलग और विशेष अहमियत होती है। हर रिश्ते को निभाने के लिए विश्वास ही सबसे महत्वपूर्ण होता है।
गमण्डी दोल्लत मंद वहमी इंसान ये बोलते है ,
क्यों मैं मेरे प्यार पर भरोसा करूं?
जवाब ।
प्यार एक गहरा और खुशनुमा एहसास है। एक दूसरे के प्रति मरमिटने का जज्बा है , सब कुछ न्योछवर कर देने का भाव है अगर उस व्यक्ति पर भरोसा न हो तो उसके साथ तन और मन कैसे साझा करेंगे?
भरोसा तो हम किसी पर भी कर सकते है , इसके लिए प्यार हो जरुरी नहीं मगर बिना भरोसे के प्यार हो ही नहीं सकता ।
प्यार तो उसी से होगा जिस पर भरोसा हो अन्यथा सौदा होगा और कुछ भी होगा मगर प्यार नहीं ।
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